संतान प्राप्ति किसी भी विवाहित स्त्री और पुरुष के लिए सबसे सुखद अनुभव होता है। जिन्हें यह सुख आसानी से प्राप्त हो जाती है वह दुनिया के सबसे खुशनसीब लोगों में से होते हैं, लेकिन जिनको इस सुख की प्राप्ति किसी कारण वश नहीं हो पाती है, वह दिल में इस कमी का दुख लिए रहते हैं और संतान प्राप्ति के लिए कई तरीकों व उपायों को अपनाते हैं। तमाम उपाय व डॉक्टर के पास कई बार चक्कर लगाकर भी उन्हे संतान सुख नहीं मिल पता। पर चिंता मत करिये, यदि आप सब कुछ उपाय कर चुके है फिर भी संतान प्राप्ति नहीं हो रही है तो हम आपको बताने जा रहे हैं संतान प्राप्ति के लिए किये जाने वाले कुछ ज्योतिषीय उपायों के बारे में...
*जिन विवाहित स्त्री-पुरुषो के कोई संतान नहीं है वे किसी शुक्ल पक्ष के गुरुवार को एक पीतल की भगवान् लड्डू गोपाल की मूर्ति लाएं और उस दिन उपवास करें। उसे पालने में रखे और नए वस्त्रादि धारण कर, धूपादि अर्पित करके एक ऋतु फल और अंजीर तथा दही का भोग लगाएं। इसके पश्चात् प्रतिदिन इस प्रकार का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण करके ही भोजन करें । जन्माष्टमी के दिन से यह उपाय आरंभ करें । जल्दी ही आपकी गोद भरेगी।
*संतान
प्राप्ति के लिए पति पत्नी गुरुवार का ब्रत रखें, इस दिन पीले
वस्त्र पहने, यथासंभव
पीला ही भोजन करें, भिखारियों
को गुड का दान करें। अति शीघ्र योग्य संतान की प्राप्ति होगी । किसी भी गुरुवार को पीले धागे में पीली कौड़ी को कमर में बांधने से संतान प्राप्ति
का प्रबल योग बनता है।
* शुक्ल
पक्ष में बरगद के पत्ते को धोकर साफ करके उस पर कुंकुम से स्वस्तिक बनाकर उस पर थोड़े
से चावल और एक सुपारी रखकर सूर्यास्त से पहले जगदंबा के मंदिर में जाकर उनके चरणों
में अर्पित कर दें। माता से संतान का वरदान देने के लिए प्रार्थना करें। इससे
तत्काल संतान सुख की प्राप्ति होती है।
* किसी भी बालक के पहली बार टूटे हुए दूध के दांत को लेकर अगर कोई स्त्री इसे श्वेत वस्त्र में लपेट कर बाईं भुजा से बांध लेती है तो उसे संतान प्राप्ति का सुख ज़रूर मिलता है। यही नहीं, मनोकामना
पूरी होने तक रोजाना सूर्योदय से पूर्व बाल-कृष्ण का 15 मिनट
तक नियमित रूप से ध्यान अवश्य करें।
* दंपति किसी गर्भवती गाय के सामने बैठकर 28 दिन लगातार संतान गोपाल मंत्र,
देवकीसुत
गोविन्द वासुदेव जगत्पते, देहि मे
तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:
का उच्चारण करेंगे तो अवश्य ही लाभ मिलेगा। साथ
ही मंत्र पूरा होने के बाद गौ माता को अनाज अवश्य दान करें।
* यदि किसी दम्पति को
संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है तो वह स्त्री शुक्ल पक्ष में, अभिमंत्रित संतान गोपाल यंत्र को अपने घर में
स्थापित करके लगातार 16 गुरुवार को ब्रत रखकर केले और पीपल के
वृक्ष की सेवा करें उनमे दूध चीनी मिश्रित जल चढ़ाकर धुप अगरबत्ती जलाये, संतान सुख अति शीघ्र प्राप्त होगा ।
* 40 दिनों तक पांच मूली पत्नी के सिरहाने रखें और सुबह मूली को शिव मंदिर में रख आएं। इससे संतान प्राप्ति की संभावना बढ़ेगी।
* स्कन्द माता देवी दुर्गा के नौ रूपों में से एक है। इन्हें संतान देने वाली माता भी कहा जाता है। माता के इस रूप में माता की गोद में भगवान कार्तिक विराजमान है। स्कन्द माता की प्रतिदिन पूजा अर्चना करने से आपको माता का आशीर्वाद ज़रूर प्राप्त होगा। इसके लिए आप षष्ठी पर इन देवी के साथ कार्तिक जी की भी उपासना करें। इससे आपके रास्ते की सभी बाधाएं दूर हो जाएगी।
* जिन विवाहित स्त्री-पुरुषो के कोई संतान नहीं है, वे दोनों रामेश्वरम् की यात्रा कर आए तथा वहां सर्प-पूजन करवा ले। क्योंकि इसी से आपके सारे दोष नष्ट हो जाएगें।
* जिन
महिलाओं का गर्भ नहीं ठहरता या गर्भ में संतान आकर नष्ट हो जाती है। वह दंपत्ति
मंगलवार को इक्कीस पान के पते लाएं। उन पर सिंदूर से राम लिखें फिर हनुमान मंदिर
ले जाएं। वहां इन पत्तों को प्रभु के चरणों में रखकर विधिवत पूजन करें। इन पत्तों
को उठाकर लाल कपड़े में बांध लें। पिर इसे बहते पानी में प्रवाहित करें अथवा पीपल
के वृक्ष में चढा दें। यदि बार-बार गर्भपात होता है, तो
शुक्रवार के दिन एक गोमती चक्र लाल वस्त्र में सिलकर गर्भवती महिला के कमर पर बांध
दें। गर्भपात नहीं होगा।
* पीपल की पूजा ऐसा ही एक टोटका ही जो संतान की इच्छा को पूरा कर सकी है। इसके लिए संतान की कामना करने वाली स्त्री रोज पीपल के पेड़ के नीचे दिया जलाएँ । रविवार को छोड़कर यह दिया रोज जालना चाहिए। दिया जलाकर पेड़ की परिक्रमा करें और अपनी कामना मन में दोहराती रहें । संतान प्राप्ति के उपाय के रूप में की गयी यह पूजा जल्द ही अपना प्रभाव दिखाती है।
* पितृ दोष का पूजन
करना संतान प्राप्ति का श्रेष्ठ उपाय है । कई परिवारों में उनके पूर्वजों के अंतिम
संस्कार के दौरान कुछ अनुष्ठान ठीक से न करने पर भी संतान संबंधित समस्याएं हो
सकती हैं। इस पितृ दोष को मिटाने के लिए पूर्वजों का विधि पूर्वक श्राद्ध करें। इन
अनुष्ठानों को करने से बच्चों के जन्म से संबंधित रुकावटें व बाधाएं दूर होंगी।
* संतान
सुख के लिए स्त्री गेंहू के आटे की 2 मोटी लोई बनाकर उसमें भीगी
चने की दाल और थोड़ी सी हल्दी मिलाकर नियमपूर्वक गाय को खिलाएं, शीघ्र ही उसकी गोद भर जाएगी। घर से बाहर निकलते समय यदि काली गाय आपके
सामने आ जाए तो उसके सिर पर हाथ अवश्य फेरें। इससे संतान सुख का लाभ प्राप्त होता
है।
* शुक्ल
पक्ष की जिस त्रयोदशी को शनिवार हो उस दिन 11 शनिप्रदोष व्रत करें| प्रातःस्नान करके संतान प्राप्ति हेतु व्रत का संकल्प करें | सूर्यास्त के समय शिवलिंग की भवाय भवनाशाय मन्त्र से पूजा करें जौ का सत्तू, घी, शक्कर का भोग लगाएं| आठ
दिशाओं में दीपक
रख कर आठ
-आठ बार प्रणाम करें | नंदी को जल व दूर्वा अर्पित करें तथा उसके सींग व पूंछ का स्पर्श करें | अंत
में शिव पार्वती की आरती पूजन करें| निश्चय ही संतान की प्राप्ति होगी ।